Saturday, 27 October 2012

JHOPRA DHAM (KUA DHAM)

                       

                        श्री श्री 1008 पाबूजी महाराज



झोपरा धाम (कुआ धाम) पाबूजी महाराज की धामो में से एक धाम है।यह एक धर्म धाम है । जो की मरडाटू (सीकर) में है। जो भी यहाँ सच्ची लग्न से आता है और महाराज जी के आदेशानुसार चलता है उसे शत प्रतिशत फायदा मिलता है ।








धाम के नियम :



  • सभी भक्तजन धाम में आपस में प्रेम से रहे 
  • सभी भक्तजन आरती में सम्मलित हो  
  • किसी जात्री को ज्यादा परेशानी हो तो उसके अभिभावक (साथ आने वाले) धाम से कण-भभूती प्राप्त कर ले और उसे आरती की ज्योत अवश्य दिखाए
  • यहाँ पर भजन करने, माता जी के मंदिर फेरिया लगाने और धाम को साफ-सुथरा रखने वाले को ही फायदा मिलता है  
  • मास-मदिरा का सेवन करें  महाराज जी को न्याव के समय हमेशा सत्य ही बताएं  
  • रात्री में कोई जात्री धाम पर भूखा सोये (अगर किसी के पास खाने के लिए भोजन-सामग्री की व्यवस्था हो तो वह धाम से भोजन-सामग्री प्राप्त कर ले परन्तु भूखा सोये)



location map:धाम पर आने का रास्ता :-


 सालासर (चुरू ) से फतेहपुर(सीकर) वाली बस से आप को मरडाटू (सीकर) आना होगा इसके बाद आपको 2-3 किलोमीटर पैदल चलना होगा या फिर आप किराये की गाड़ी भी कर सकते हो |
 सालासर (चुरू ) से फतेहपुर(सीकर) वाली बस से आप को कारंगा छोटा आना होगा । इसके बाद आपको लगभग 3 किलोमीटर पैदल चलना होगा । यह बस 8 बजे से 6 बजे तक हर 1 घंटे में आपको मिल जाएगी ।     
                                                          

        

    आपकी सुविधा के लिए यहाँ पर धाम का नक्सा दिया जा रहा है।




            DHAM KA MAP: (please click here)


         

       धाम की तस्वीरे निचे दिखाई जा रही है :

         

      पाबूजी महाराज का मंदिर 










      भक्तजन भजन -कीर्तन करते हुए 












                महाराज जी न्याव देते हुए


      श्री  झोपड़ा  धाम






      महाराज जी










      जय श्री  रामदेवजी महाराज  री


       

      जय श्री  हुकम सिंह बाबोसा री


      जय श्री रूपनाथ जी महाराज री  




      जय श्री राम     जय श्री श्याम बाबा री



      जय श्री पाबूजी महाराज री




       जय माँ शेरावाली  की






























                











      PABUJI MAHARAJ (please click here)

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                          आरती संग्रह










                         कर्पूरगौरं करुणावतारंसंसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्

                        सदावसन्तं हृदयारविन्देभवं भवानीसहितं नमामि


                                   आरती  श्री दुर्गा माताजी की





          


      सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके 

      शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते
                                      

       **** 
                         


      जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
      तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी टेक
      मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमदको
      उज्जवल से दो नैना, चन्द्रबदन नीको जय 0
      कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै
      रक्त पुष्प गलमाला, कण्ठन पर साजै जय0
      केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी
      सुर नर मुनिजन सेवक, तिनके दुखहारी जय 0
      कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
      कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति जय 0
      शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती
      धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती जय 0
      चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे
      मधुकैटभ दो मारे, सुर भयहीन करे जय 0
      ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी
      आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी जय 0
      चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरुं
      बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु जय 0
      तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता
      भक्तन् की दुःख हरता, सुख-सम्पत्ति करता जय 0
      भुजा चार अति शोभित, खड़ग खप्परधारी
      मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी जय 0
      कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती
      श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति जय 0
      श्री अम्बे जी की आरती, जो को नर गावै
      कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै जय 0
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                                                        आरती श्री विष्णु जी की







      जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
      भक्त जनन के संकट, क्षण में दूर करे ……
       जो ध्यावे फल पावे, दुख विनसे मन का
       सुख संपत्ति घर आवे , कष्ट मिटे तन का ……
       मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी
       तुम बिन और दूजा, आस करूं जिसकी ……
       तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
       पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ……
       तुम करूणा के सागर, तुम पालन कर्ता
       मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ……
       तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपती
       किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमती ……
       दीनबंधु दुखहर्ता, तुम रक्षक मेरे
       करूणा हस्त उठाओ, द्वार पड़ा तेरे ……
      विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
       श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ……
       श्री जगदीश जी की आरति, जो कोइ नर गावे
       कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपत्ति पावे ……
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      आरती श्री माँ झाड़ी ज्वाला 









      जय झाड़ी ज्वाला , मैया जय झाड़ी ज्वाला
      भक्तजनों की रक्षा करिये , करिये प्रतिपाला ।। ..
      जग मग ज्योत आरती होती , झालर झनकारा
      साज बात रंग राग छतिसो , जय जय जयकारा ।। ..
      जरीक सबसे रेशमी है साड़ी , अंगिया अंग सोहे
      रूप अनूप महिमा शक्तियां , तीन लोक मोहे ।। ..
      हार श्रृंगार गलसरी है गल में , कर कंगन वाली
      पायल बिछिया पग में धारना , माँ नथ बेसर वाली ।। ..
      शेर सवारी चढ़ी जगदम्बा , खड्ग खपरधारी
      दानव दुष्ट दले पलमाही , भक्तन हितकारी ।। ..
      जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर , माई याद करी
      ऋषि मुनि संत माँ , पल पल में आन करी ।। ..
      आदि जुगादी महिमा शाली , तु गौरी काली
      निराकार साकार भवानी , सबसे है आली ।। ..
      ब्रह्मा विष्णु महेश मनावे , सब ऋषि मुनि ध्यावे
      आदि अन्त का पार नहीं तेरा , चारो वेद गावे ।। ..
      मलूसिंह थारी गावे आरती , अज्ञानी बाला
      भीमसिंह थारी गावे आरती , अज्ञानी बाला
      घट के पट दे खोल भवानी , करदे उजियाला ।। ..
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      आरती श्री पाबूजी महाराज 








      जय लक्ष्मण देवा , स्वामी जय लक्ष्मण देवा।
      श्री पाबुपाल जी री करा आरती , सत सारु सेवा ।। ..
      कुम्भ कलश गंगाजल ल्यावे , ध्यान स्नान करो
      पुष्प माल पहरो गल माही , मस्तक पाग धरो ।। ..
      अंग अंगरखी वस्त्र सोहे , केशरिया बागो
      कर में कमल कटारी , संग में भालो थे राखो ।। ..
      कोलूमंड में चढ़े पालजी , केशर असवारी
      झोपड़ा धाम पर आज विराज्या , श्री पाबूजी तपधारी ।। ..
      झालर शंख नगाड़ा बाजे , शोभा अति भारी
      झोपड़ा धाम पर नोपत बाजे , मन्दिर मझधारी ।। ..
      गूगल धूप देवालय खेवां , गऊ घृत धारा
      नारियल डोडा लूंग सुपारी , उज्जवल फल सारा ।। ..
      दास करे अरदास हाजरी , मेरी लिख लिज्यो
      थारे चरणां में राखो नाथ , म्हारी लज्जा रख लिज्यो ।। ..
      चाकर राखों चरण कमल रो , रोज करूं पूजा
      आप ही मात पिता मेरे स्वामी , और नहीं दूजा ।। ..
      जो नर धयावे गावे आरती , पावे फल मेवा
      मलूसिंह कहे भव से तारों , नैया के खेवां ।।
      भीमसिंह कहे  भव से तारों , नैया के खेवां ।। ..    

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      प्रार्थना श्री रूपनाथ जी महाराज










      केसर कुदाई कुण्डिये , माथे जसरो मोर
      भीड़ पड्यां सहाय करे , श्री रणबाप राठौर ।।
      केसर घोड़ी कालवी , मोतिया जड़ी लगाम
      चढ़ भाल्याला निसरा , थाने दुनिया करे प्रणाम
      बोली चाल कनोज की , तन केसरिया साथ
      चढवा घोड़ी कालवी , जय श्री पाबूजी महाराज ।।
      आवड़ दुहि भाटिया , कानेरी गोड़ास
      श्री बरवड़ सिसोदिया , श्री करणी राठौर ।।
      सविपुल बलयुक्त देव देवेषु पूज्य
      दनुदलन मुख्य धर्म कार्य प्रलंग्राम ।।
      विलसति मरू भूमि कीर्ति व्याख्या चम्ष्टा
      जगति नमन योग्य पाबुपाल नमामि ।।
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                श्री पाबू जी महाराज का पाठ भजन 

                                (   पड़  )


      आप   यहाँ  से पाबूजी महाराज की पड़ के भाग सुन और प्राप्त कर सकते हो ।


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      28 comments:

      1. jai shree pabuji maharaj ri
        jai mata di
        jai shree guru bhagwan ri
        jai shree ram
        jai shree rupnath ji maharaj ri

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      2. shree shree 1008 shree pabuji maharaj ri jai

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      3. shree ma karani kripa shree shree 1008 shree pabu ji maharaj ki jai shree rupnath ji maharaj ki jai samast dev samaj or pabu ji maharaj ki sabhi dhamo ki jai shree guru bhagwan shree bheem singh ji maharaj ki jai or bhagwan singh roru ki taraf se sat sat naman wa dhok

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      4. shree shree 1008 shree pabu ji maharaj rathore kul main janm liya tha ye sesnaag [lakshman ] ke awtar the ye kolu [pali] ke raja the inhone gayon ki rakcharth apna jiwan balidan kar diya tha inke bhatije shree rupnathji maharaj the . inki tapo bhumi senghal dhora nokha [bikaner] hai ye baba ji guri gorakhnath ke sisya the jis kair ke ped ke niche babaji ne tapsya ki thi wo aaj bhin yathawat hai yanha jane se sare pap dhul jate hai ghar par bhaith kar inhai yaad karane se sare kast dur ho jate hai shree roopnath ji maharaj ke charano main bhagwan singh roru ka sat sat naman or dhok

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      5. shri shri 1008 shri pabu ji maharaj ki jai ho shri roopnath ji maharaj ki jai ho shri maa karni ki jai ho

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      6. shri maa karni ki jai ho shri shri 1008 shri pabu ji maharaj ki jai ho shri rupnath ji maharaj ki jai ho or dev samaj ki jai ho guru maharaj ki jai ho

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      7. kesr kudae kundeye mathe js raa mor chad bhalyala nesro aap ne duneya kre prnaam.............jay pabuji maharaj...jay guru bhagwan...

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      8. pabuji maharaaj ke is alokik dham par har parkar ke dukh dard nischit hi dur hote hai
        isme kisi parkar ka koi sandheha nahi karna chaiye kyokiis dham se aaj tak kisi ko kahli jate huye nahi dekha hai
        jai shri jhadi jwala maa
        jai shri rupnath ji maharaaj
        jai shri pabuji maharaj

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      9. JAI MATA DIIIIIIIIII

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      10. jai mata diiiiiiiiiiiiii

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      11. jai mata diiiiiii

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      12. jai mata diiiiiiiiiiiiii

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      13. jai mata dii

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